Contents
Mohan Charan Majhi
परिचय:
मोहन चरण माझी, एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और समर्पित जनसेवक, 12 जून 2024 से ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में प्रतिष्ठित पद पर आसीन हैं। इस उच्च पद तक की उनकी यात्रा दृढ़ता, अपनी जड़ों के प्रति प्रतिबद्धता और ओडिशा के लोगों के प्रति निष्ठा से चिह्नित है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को ओडिशा के केन्दुझर जिले के रायकला में हुआ था। उनके पिता, गुणाराम माझी, एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे। मोहन संताल जनजाति से आते हैं, जो इस क्षेत्र की प्रमुख जनजातीय समुदायों में से एक है। उन्होंने 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर 1990 में अनादापुर कॉलेज से उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने चंद्र शेखर कॉलेज, चंपुआ से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में धेनकानल लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक (एलएलबी) की पढ़ाई की। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने आरएसएस के शैक्षिक नेटवर्क विद्या भारती का हिस्सा झुमपुरा सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के रूप में काम किया। माझी की पत्नी का नाम प्रियंका मरंडी है।
जीवनी के मुख्य बिंदु:
विवरण | जानकारी |
---|---|
नाम | मोहन चरण माझी |
जन्म | 6 जनवरी 1972, रायकला, केन्दुझर जिला, ओडिशा |
पिता | गुणाराम माझी (सुरक्षा गार्ड) |
जनजाति | संताल |
पत्नी | प्रियंका मरंडी |
शिक्षा | 1987: झुमपुरा हाई स्कूल, 1990: अनादापुर कॉलेज कला, स्नातक: चंद्र शेखर कॉलेज, चंपुआ, एलएलबी: धेनकानल लॉ कॉलेज |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
वर्तमान पद | ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री (12 जून 2024 से) |
विधानसभा क्षेत्र | केन्दुझर |
राजनीति से पहले का पेशा | झुमपुरा सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक |
राजनीतिक करियर:
मोहन चरण माझी ने 1997 में गाँव के सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 2000 तक इस पद पर रहे। राजनीति में उनकी प्रारंभिक भागीदारी में ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आदिवासी प्रकोष्ठ के सचिव की भूमिका शामिल थी, जिसे उन्होंने 1997 से संभाला। वह अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए स्थायी समिति के सदस्य भी थे।
माझी के राजनीतिक करियर ने 2000 में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया जब उन्हें केन्दुझर निर्वाचन क्षेत्र से ओडिशा विधानसभा के लिए चुना गया। उन्हें 2004 में फिर से चुना गया, जिसके दौरान उन्होंने 2005 से 2009 तक उप मुख्य सचेतक के रूप में कार्य किया। हालांकि, उन्होंने 2009 और 2014 में अपनी सीट गंवा दी। उन्होंने 2019 में वापसी की, एक बार फिर केन्दुझर का प्रतिनिधित्व किया और ओडिशा विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक नियुक्त हुए, जहाँ पार्टी प्रमुख विपक्ष बन गई।
2024 में, माझी ने चौथी बार केन्दुझर सीट जीती। उनकी पार्टी, भाजपा, ने 147 सीटों में से 78 सीटें जीतकर विधानसभा में बहुमत हासिल किया। परिणामस्वरूप, उन्हें 11 जून 2024 को ओडिशा के अगले मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया गया और उन्होंने 12 जून 2024 को शपथ ग्रहण की, जिससे वे नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी बने।
वर्ष | पद |
---|---|
1997-2000 | गाँव के सरपंच |
1997 से | राज्य भाजपा, आदिवासी प्रकोष्ठ के सचिव |
2000-2009 | केन्दुझर से ओडिशा विधानसभा के सदस्य |
2005-2009 | उप मुख्य सचेतक |
2019-2024 | केन्दुझर से ओडिशा विधानसभा के सदस्य |
2019-2024 | ओडिशा विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक |
2024-वर्तमान | ओडिशा के मुख्यमंत्री |
उल्लेखनीय घटनाएँ:
- 10 अक्टूबर 2021: माझी ने केन्दुझर जिले के मंडुआ के पास अपनी कार पर हुए क्रूड बम हमले से बच गए। इस घटना से उनकी गाड़ी को मामूली नुकसान हुआ, लेकिन वे बिना किसी चोट के बच निकले।
- सितंबर 2023: विभिन्न दालों की खरीद में कथित घोटाले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान, उनके द्वारा दाल को अध्यक्ष के मंच पर फेंकने के लिए, उन्हें तत्कालीन अध्यक्ष प्रमिला मलिक द्वारा ओडिशा विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।
ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में:
2024 का ओडिशा विधानसभा चुनाव माझी के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। केन्दुझर सीट चौथी बार जीतकर उन्होंने भाजपा को 147 में से 78 सीटों के साथ विधानसभा में बहुमत दिलाया। उनके नेतृत्व और अनुभव को देखते हुए, भाजपा ने 11 जून 2024 को उन्हें ओडिशा के नए मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया। उन्होंने अगले दिन 12 जून 2024 को पदभार ग्रहण किया, नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी बने।
दृष्टिकोण और प्राथमिकताएँ:
मुख्यमंत्री के रूप में, मोहन चरण माझी समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं, विशेष रूप से ओडिशा के जनजातीय आबादी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों की जरूरतों को संबोधित करने की। उनके प्रशासन से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य शहरी-ग्रामीण विभाजन को पाटना और राज्य की विविध जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाना है। उनके जमीनी अनुभव और जनजातीय मुद्दों की गहरी समझ से उनकी नीतियों और शासन के दृष्टिकोण को आकार देने की संभावना है, जो ओडिशा में सतत विकास और न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देगा।
Also Read : Narendra Modi Biography in Hindi – नरेंद्र मोदी की जीवनी हिंदी में
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
- मोहन चरण माझी की शैक्षिक योग्यताएँ क्या हैं?
- मोहन चरण माझी के पास चंद्र शेखर कॉलेज, चंपुआ से कला स्नातक की डिग्री और धेनकानल लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री है।
- मोहन चरण माझी कौन से निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं?
- वह ओडिशा के केन्दुझर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- मोहन चरण माझी ने पहली बार राजनीति में कब प्रवेश किया?
- माझी ने 1997 में गाँव के सरपंच के रूप में राजनीति में प्रवेश किया।
- माझी कितनी बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए हैं?
- वह चार बार चुने गए हैं: 2000, 2004, 2019, और 2024 में।
- मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने कौन सा पद संभाला था?
- मुख्यमंत्री बनने से पहले, माझी 2019 से 2024 तक ओडिशा विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक थे।
- 2021 में माझी के राजनीतिक करियर में कौन सी महत्वपूर्ण घटना घटी?
- 10 अक्टूबर 2021 को, माझी की कार पर क्रूड बम से हमला हुआ, लेकिन वे बिना चोट के बच निकले।
- 2023 में मोहन चरण माझी को ओडिशा विधानसभा से क्यों निलंबित किया गया था?
- उन्हें विभिन्न दालों की खरीद में कथित घोटाले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अध्यक्ष के मंच पर दाल फेंकने के लिए निलंबित किया गया था।
- मोहन चरण माझी ओडिशा के मुख्यमंत्री कब बने?
- वह 12 जून 2024 को मुख्यमंत्री बने।
- माझी ने ओडिशा में भाजपा में क्या योगदान दिया है?
- माझी ने भाजपा के आदिवासी प्रकोष्ठ के सचिव के रूप में कार्य किया और ओडिशा विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक रहे।
- मोहन चरण माझी किस जनजाति से संबंधित हैं?
- वह संताल जनजाति से संबंधित हैं।